Header Ads

ट्रम्प के टैरिफ़ पर वैश्विक अनिश्चितता: अब विश्व व्यापार को पटरी से उतार देगी?

 Trump Tariff  पर वैश्विक अनिश्चितता: अब विश्व व्यापार को पटरी से उतार देगी? 

10-07-2025      By >K .K .Bhagat



Trump Tariff  दुनिया भर के व्यापारिक बाजारों में एक बार फिर हलचल मची हुई है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर टैरिफ़ (आयात शुल्क) को लेकर चर्चा छेड़ दी है। उनकी यह घोषणा न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था, बल्कि वैश्विक व्यापार के लिए भी एक बड़ा झटका साबित हो सकती है। अगर ट्रम्प फिर से राष्ट्रपति बनते हैं और अपने टैरिफ़ नीतियों को लागू करते हैं, तो इसका सीधा असर चीन, यूरोप, भारत और अन्य विकासशील देशों पर पड़ेगा।  


परिचय - क्या है पूरा मामला? : Trump Tariff


मंगलवार को डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा ऐलान किया, जिससे वैश्विक धातु बाजार में हड़कंप मच गया। उन्होंने कहा कि अमेरिका अब तांबे के आयात पर 50% टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है। इस कदम का उद्देश्य अमेरिका के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और विदेशी आपूर्ति पर निर्भरता कम करना है।


जानकारी के लिए, अमेरिका अपनी तांबे की ज़रूरत का लगभग आधा हिस्सा आयात करता है, जिसमें चिली सबसे बड़ा स्रोत है। व्हाइट हाउस में कैबिनेट बैठक के दौरान, ट्रंप ने कहा, "हम तांबे पर टैरिफ बढ़ाकर 50% करने जा रहे हैं।" हालाँकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि ये टैरिफ कब लागू होंगे। इस खबर के आने के बाद से धातु बाजार में अस्थिरता बढ़ गई है। यह गिरावट निवेशकों में बढ़ते डर और अमेरिकी टैरिफ नीतियों से उपजी उथल-पुथल का नतीजा है।


ट्रंप ने 50% टैरिफ की घोषणा की :Trump Tariff


आज हिंदुस्तान कॉपर, सेल, टाटा स्टील, जिंदल स्टेनलेस, वेदांता और एनएमडीसी जैसे धातु शेयरों में 4% तक की गिरावट दर्ज की गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तांबे पर 50% टैरिफ लगाने की खबर से निवेशक घबराए हुए हैं। इससे पहले स्टील और एल्युमीनियम पर भी यह टैरिफ लगाया जा चुका है और अब तांबे पर भी इस कदम से बाजार में चिंता का माहौल है। माना जा रहा है कि ट्रंप इस टैरिफ सूची को बढ़ा सकते हैं, जिसका असर अन्य धातुओं पर भी पड़ सकता है।


Trump Tariff


इस लेख में हम जानेंगे कि :  Trump Tariff

- ट्रम्प की टैरिफ़ नीति क्या है?  

- इसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा?  

- भारत के लिए क्या चुनौतियाँ होंगी?  

- क्या यह विश्व व्यापार को पटरी से उतार देगा?  


ट्रम्प की टैरिफ़ नीति: क्या है पूरा मामला? : Trump Tariff


1. ट्रम्प का 'अमेरिका फर्स्ट' एजेंडा 

डोनाल्ड ट्रम्प ने 2016 में अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति को बढ़ावा दिया था। इसके तहत उन्होंने विदेशी उत्पादों पर भारी टैरिफ़ लगाए, ताकि अमेरिकी उद्योगों को फायदा हो। चीन से आयातित सामानों पर 25% तक का टैरिफ़ लगाया गया, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध छिड़ गया।  


2. 2024 में ट्रम्प की नई चेतावनी

2024 के चुनावी दौर में ट्रम्प ने फिर से घोषणा की है कि अगर वे फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो चीन और अन्य देशों पर और भी ज्यादा टैरिफ़ लगाएंगे। उनका कहना है कि यह कदम अमेरिकी कारखानों और मजदूरों की रक्षा के लिए जरूरी है।  


3. वैश्विक प्रतिक्रिया 

चीन और यूरोपीय संघ ने इसकी आलोचना करते हुए कहा है कि यह कदम वैश्विक व्यापार को नुकसान पहुंचाएगा। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी चेतावनी दी है कि टैरिफ़ युद्ध से विश्व अर्थव्यवस्था मंदी की ओर जा सकती है।  

Trump Tariff


वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव : Trump Tariff


1. चीन को सबसे ज्यादा झटका 

चीन, अमेरिका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। अगर ट्रम्प फिर से चीनी सामानों पर टैरिफ़ बढ़ाते हैं, तो चीन का निर्यात प्रभावित होगा। इससे चीन की जीडीपी ग्रोथ धीमी हो सकती है।  


2. यूरोपीय संघ की चिंताएँ 

यूरोपीय देश भी अमेरिका के साथ व्यापार करते हैं। अगर ट्रम्प यूरोपीय कारों और अन्य उत्पादों पर भी टैरिफ़ लगाते हैं, तो जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों को नुकसान होगा।  


3. भारत पर क्या असर पड़ेगा? 

- भारत ने अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापार संबंधों से फायदा उठाया है।  

- अगर ट्रम्प भारतीय स्टील, फार्मा और आईटी सेक्टर पर टैरिफ़ बढ़ाते हैं, तो भारतीय निर्यात प्रभावित हो सकता है।  

- हालांकि, भारत चीन के मुकाबले कम प्रभावित होगा, क्योंकि उसका अमेरिका पर निर्भरता कम है।  


क्या विश्व व्यापार पटरी से उतर जाएगा?  : Trump Tariff


1. आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान  

टैरिफ़ बढ़ने से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) प्रभावित होगी। कंपनियों को महंगे आयातित सामानों का सामना करना पड़ेगा, जिससे उपभोक्ताओं तक माल की कीमतें बढ़ेंगी।  


2. मुद्रास्फीति का खतरा

अमेरिका और यूरोप में मुद्रास्फीति (इन्फ्लेशन) बढ़ सकती है, क्योंकि आयातित सामान महंगे होंगे। इससे उपभोक्ता खर्च घटेगा और आर्थिक विकास धीमा होगा।  


3. वैश्विक मंदी की आशंका

IMF और विश्व बैंक ने चेतावनी दी है कि अगर टैरिफ़ युद्ध बढ़ता है, तो 2025 तक वैश्विक मंदी आ सकती है।  

हिंदुस्तान कॉपर में सबसे ज़्यादा गिरावट : Trump Tariff


बुधवार के कारोबारी सत्र के दौरान धातु शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। हिंदुस्तान कॉपर में सबसे ज़्यादा गिरावट दर्ज की गई, इसके शेयर 3.5% गिरकर ₹264 प्रति शेयर के निचले स्तर पर आ गए। एसईएल भी 2.35% की गिरावट के साथ ₹131.82 पर बंद हुआ। इसके अलावा, टाटा स्टील, जिंदल स्टेनलेस, वेदांता, एनएमडीसी, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान जिंक और जिंदल स्टील एंड पावर जैसे अन्य धातु शेयरों में भी 1% से ज़्यादा की गिरावट आई। निवेशकों में डर का माहौल है, क्योंकि ट्रंप का यह टैरिफ मेटल सेक्टर के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।


Trump Tariff


वैश्विक बाज़ार में भी उथल-पुथल : Trump Tariff 


ट्रंप द्वारा तांबे पर टैरिफ लगाने की खबर का असर सिर्फ़ भारत तक ही सीमित नहीं है। वैश्विक बाज़ारों में भी धातु की कीमतों में तेज़ उतार-चढ़ाव देखा गया है। मंगलवार को कॉमेक्स पर तांबे की कीमतें 17% उछलकर एक ही दिन में 10% की रिकॉर्ड वृद्धि के साथ अब तक के सबसे ऊँचे स्तर पर पहुँच गईं। लेकिन बुधवार को शुरुआती कारोबार में ही इसमें 4% से ज़्यादा की गिरावट दर्ज की गई। लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर भी तांबे में 2.4% की गिरावट दर्ज की गई। सिंगापुर में सुबह 10:35 बजे तांबे की कीमतें 0.7% गिरकर 9,722 डॉलर प्रति टन पर आ गईं।


ट्रंप के टैरिफ से पहले ही हलचल : Trump Tariff


यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप के टैरिफ ने धातु बाज़ार में हलचल मचाई हो। फ़रवरी में जब ट्रंप ने तांबे पर टैरिफ लगाने की संभावना जताई थी, तब वैश्विक व्यापारियों ने अमेरिका को रिकॉर्ड मात्रा में धातु का निर्यात किया था, ताकि टैरिफ लगने से पहले स्टॉक बढ़ाया जा सके। अब 50% टैरिफ की खबर से फिर हलचल मच गई है। माना जा रहा है कि ये टैरिफ कुछ ही हफ्तों में लागू हो सकते हैं, जिससे धातु की कीमतें और शेयर बाजार पर अधिक दबाव आ सकता है।


निष्कर्ष : Trump Tariff

ट्रम्प की टैरिफ़ नीति न केवल अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया के व्यापार को प्रभावित कर सकती है। चीन और यूरोप को सबसे ज्यादा नुकसान होगा, जबकि भारत को भी अपने निर्यात नीतियों में बदलाव करना पड़ सकता है। अगर ट्रम्प फिर से सत्ता में आते हैं, तो वैश्विक व्यापार युद्ध एक बार फिर शुरू हो सकता है, जिससे विश्व अर्थव्यवस्था पटरी से उतर सकती है।  

Trump Tariff


FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)   : Trump Tariff


1. टैरिफ़ क्या होता है? 

टैरिफ़ एक प्रकार का आयात शुल्क होता है, जो किसी देश द्वारा दूसरे देश से आयातित सामानों पर लगाया जाता है।  


2. ट्रम्प ने पहले किन देशों पर टैरिफ़ लगाया था?  

ट्रम्प ने चीन, यूरोपीय संघ, कनाडा और मेक्सिको पर टैरिफ़ लगाए थे।  


3. क्या भारत पर भी टैरिफ़ लग सकता है? 

हाँ, अगर ट्रम्प सत्ता में आते हैं, तो वे भारतीय स्टील, फार्मा और आईटी उत्पादों पर टैरिफ़ बढ़ा सकते हैं।  


4. क्या टैरिफ़ से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को फायदा होगा? 

ट्रम्प का दावा है कि इससे अमेरिकी उद्योगों को फायदा होगा, लेकिन अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इससे महंगाई बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को नुकसान होगा।  


5. क्या भारत इससे बचने के लिए कोई रणनीति बना रहा है?

भारत अमेरिका के अलावा अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ाकर इसके प्रभाव को कम करने की कोशिश कर सकता है।  


यह लेख ट्रम्प की टैरिफ़ नीतियों और उनके वैश्विक प्रभाव पर एक विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करता है। अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे शेयर करें और अपनी राय कमेंट में बताएँ!

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.