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Defence Stocks : डिफेंस और शिपिंगज बरदस्त तेजी देखने को मिली

 Defence Stocks : डिफेंस और शिपिंग बरदस्त तेजी देखने को मिली

Defence Stocks

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डिफेंस और शिपिंग कंपनियों के शेयरों में आज 19 मार्च को जबरदस्त तेजी देखने को मिली। 

   यह हफ्ता इंडियन स्टॉक मार्केट्स के लिए अच्छा रह सकता है। 19 मार्च को लगातार तीसरे दिन स्टॉक मार्केट्स में रौनक दिखी। 18 मार्च को 1,131 प्वाइंट्स के उछाल के साथ 75,000 से ऊपर बंद हुआ था। मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में 2 फीसदी से ज्यादा उछाल आया था। सभी सेक्टर के सूचकांक हरे निशान में बंद हुए थे। सवाल है कि क्या मार्केट का सेंटिमेंट बदल गया है?


गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोचीन शिपयार्ड और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) जैसे शेयर 20% तक उछल गए। इसके चलते निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स भी आज 6% तक उछल गया। इस उछाल में डिफेंस सेक्टर में निवेशकों की बढ़ती रुचि और कुछ ग्लोबल फैक्टर्स का अहम योगदान रहा।

मार्केट में आगे आ सकता है करेक्शन


एनालिस्ट्स का कहना है कि इस तेजी के बाद मार्केट में करेक्शन (Correction) आ सकता है। फाइडेंट एसेट मैनेजमेंट के सीआईओ और फाउंडर ऐश्वर्य दधीच ने कहा, "कई स्टॉक्स में हम ओवरसोल्ड जोन में हैं। आज की तेजी की मुख्य वजह टेक्निकल है।" डेरिवेटिव मार्केट्स में ऑउटस्टैंडिंग पोजीशंस से पता चलता है कि 18 मार्च को सेंसेक्स में 1100 प्वाइंट्स से ज्यादा की रिकवरी की मुख्य वजह विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की शॉर्ट-कवरिंग थी। लगातार एक महीने तक बिकवाली करने के बाद उन्होंने मार्केट्स में खरीदारी की।


कौन-कौन से डिफेंस शेयर उछले?


GRSE के शेयर ने 20 फीसदी उछलकर अपनी अपर सर्किट सीमा को छू लिया और 1,641.35 रुपये के स्तर तक पहुंच गए। यह लगातार चौथा दिन है, जब GRSE के शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिली है। कोचिन शिपयार्ड के शेयरों ने भी कारोबार के दौरान 10 प्रतिशत का अपर सर्किट छुआ और 1,474.95 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया। हालांकि बाद में इसने अपनी कुछ बढ़त खो दी।


बाकी डिफेंस शेयरों की बात करें

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स में 5.16 प्रतिशत की तेजी आई, जबकि मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स में 10.96 प्रतिशत तक की उछाल देखने को मिली। निफ्टी इंडेक्स का हिस्सा बन चुके भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के शेयरों में 2 फीसदी तक की तेजी देखने को मिली।



डिफेंस सेक्टर में तेजी की वजह क्या है?

डिफेंस शेयरों में यह तेजी जर्मनी के रक्षा बजट बढ़ाने के फैसले के बाद आई है। जर्मनी की संसद ने डिफेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर पर बजट बढ़ाने के लिए एक बड़े वित्तीय पैकेज को मंजूरी दी है। जर्मन सांसदों ने "ऋण सीमा" (Debt Ceiling) से रक्षा बजट को अलग करने का फैसला लिया है। अब जर्मन सरकार अपने रक्षा पर जीडीपी का 1% से अधिक खर्च करने की योजना है।


जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने इसे यूरोप के सामूहिक डिफेंस कम्युनिटी की ओर बढ़ा हुआ पहला बड़ा कदम बताया। यूरोपीय देश अब रूस से संभावित खतरे से बचाव के लिए "Rearm Europe" प्रोग्राम को आगे बढ़ा रहे हैं। भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट में 32.5% की बढ़ोतरी इस बीच भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट में वित्त वर्ष 2024 में 32.5% की उछाल देखी गई और यह 21000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। भारत 100 से अधिक देशों को डिफेंस इक्विपमेंट का एक्सपोर्ट करता है। अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया भारतीय डिफेंस इंडस्ट्री के लिए टॉप 3 एक्सपोर्ट बाजार बने हुए हैं।


डिफेंस शेयरों में गिरावट के बाद रिकवरी

डिफेंस शेयरों के लिए पिछले कुछ महीने काफी खराब रहे थे। जुलाई 2024 से फरवरी 2025 के बीच कई डिफेंस शेयर 30% से 60% तक गिर गए थे। लेकिन अब ये स्टॉक्स फिर से तेजी पकड़ रहे हैं। सरकार के "आत्मनिर्भर भारत" अभियान और बढ़ते डिफेंस एक्सपोर्ट से यह सेक्टर निवेशकों के लिए आकर्षक बना हुआ है।


अकेला डिफेंस के शेर ही नहीं बाकी ओर भी शेर कीमतें बढ़ रही है 


FII की शॉर्ट-कवरिंग से आई तेजी,

स्टॉक एक्सचेंजों के डेटा के मुताबिक, फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट के 220 स्टॉक्स में से 101 में FIIs की शॉर्ट-कवरिंग देखने को मिली। कैश सेगमेंट में एफआईआई ने शुद्ध रूप से खरीदारी की। उनकी खरीदारी 1,463 करोड़ रुपये की रही। ब्रोकरेज फर्म जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट गौरंग शाह ने कहा कि मार्केट में रिकवरी अच्छी है, लेकिन ग्लोबल प्रॉब्लम्स बनी हुई हैं। 18 मार्च को अमेरिकी मार्केट बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए। S&P 500 फिसला, जबकि नैस्डेक में 1.71 फीसदी की गिरावट आई।


मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स अब भी कमजोर दिख रहे हैं।

बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक अपने पीक से 20-23 फीसदी तक गिर चुके हैं। इसलिए पिछले तीन दिनों से जारी ट्रेंड को मार्केट के सेंटिमेंट में बदलाव का संकेत नहीं माना जा सकता। मार्केट में तभी स्थिरता आएगी, जब विदेशी संस्थागत निवेशकों की खरादीरी जारी रहेगी। अच्छी बात यह है कि अमेरिकी डॉलर इंडेक्स नवंबर 2024 के अपने 110 के हाई से गिरकर 103 पर आ गया है।



म्यूचुअल फंडों ने इन सेक्टर पर लगाया दांव


हालिया तेजी का ज्यादा असर इंफ्रास्ट्रक्चर, कैपिटल गुड्स और रियल एस्टेट सेक्टर के मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स पर देखने को मिला है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि मीडियम टर्म में आईटी और फार्मा का प्रदर्शन अच्छा रह सकता है। ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने फरवरी में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि म्यूचुअल फंडों ने प्राइवेट बैंकों, एनबीएफसी, हेल्थकेयर, टेलीकॉम और मेटल्स शेयरों में निवेश बढ़ाया है। उन्होंने कैपिटल गुड्स, टेक्नोलॉजी, ऑटो और पीएसयू शेयरों में अपना निवेश घटाया है।




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